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गुरुवार, 25 दिसंबर 2008

प्रश्‍न:- आपकी वेबसाइट ग्‍वालियर टाइम्‍स पर इण्‍टरनेट टी.वी. का विज्ञापन चलता है, जिसमें काफी इण्‍टरेस्टिंग चीजें रहतीं हैं, लेकिन इन पर क्लिक करने पर एक लिंक दिखती है, मैं इसे देखना चाहती हूँ कैसे देख सकती हूँ , मेरे पास ब्राडबैण्‍ड इण्‍टरनेट कनेक्‍शन है

प्रश्‍न:- आपकी वेबसाइट ग्‍वालियर टाइम्‍स पर इण्‍टरनेट टी.वी. का विज्ञापन चलता है, जिसमें काफी इण्‍टरेस्टिंग चीजें रहतीं हैं, लेकिन इन पर क्लिक करने पर एक लिंक दिखती है, मैं इसे देखना चाहती हूँ कैसे देख सकती हूँ , मेरे पास ब्राडबैण्‍ड इण्‍टरनेट कनेक्‍शन है । - प्रतिमा सिंह चौहान, शिन्‍दे की छावनी, लश्‍कर ग्‍वालियर म.प्र.

उत्‍तर- प्रतिमा जी आप को जो क्लिक करने के बाद लिंक दिखाई देती है उसे कापी कर लें और एक और ब्राउजर विण्‍डो खोल कर इस लिंक को एड्रेस बार में पेस्‍ट कर दें, आपका इच्छित चैनल और शो अपने आप चालू हो जायेगा । आप चाहें तो (ब्राडबैण्‍ड इण्‍टरनेट यूजर्स के लिये सर्वश्रेष्‍ठ है) इण्‍टरनेट टी.वी. का सॉफ्टवेयर डाउनलोड कर लें यह फ्री डाउनलोड में उपलब्‍ध है । ग्‍वालियर टाइम्‍स नये साल पर इसका फ्री डाउनलोड लिंक उपलब्‍ध करवाने जा रही है, इस सॉफ्टवेयर के जरिये आप यहॉं विज्ञापन में दिखने वाले चैनलों के अलावा समूचे विश्‍व के लगभग 6700 चैनल देख सकेंगें और पूरी तरह निशुल्‍क इसका आनंद ले सकेंगें ।    

शुक्रवार, 1 अगस्त 2008

प्रश्‍न: मैंने कियोस्‍क खोले जाने हेतु बीसियों बार अपना ऑनलाइन पंजीयन एम पी ऑन लाइन पर कराया पर अभी तक मेरे किसी भी आवेदन पर एम पी ऑन लाइन ने कोई कार्यवाही नहीं की है और मेरा कियोस्‍क अधिकृत नहीं किया जा रहा है, मैं क्‍या करूं । - नाम पता प्रकाशित न करें

प्रश्‍न: मैंने कियोस्‍क खोले जाने हेतु बीसियों बार अपना ऑनलाइन पंजीयन एम पी ऑन लाइन पर कराया पर अभी तक मेरे किसी भी आवेदन पर एम पी ऑन लाइन ने कोई कार्यवाही नहीं की है और मेरा कियोस्‍क अधिकृत नहीं किया जा रहा है, मैं क्‍या करूं । - नाम पता प्रकाशित न किये जाने की विनय की गयी है

उत्‍तर : वैसे कियोस्‍क सेण्‍टर्स का कोई खास अर्थ नहीं हैं, और आप कियोस्‍क सेण्‍टर के बजाय '' ई सेण्‍टर'' या कॉमन सर्विस सेण्‍टर खोलें तो बेहतर होगा । वर्तमान में कार्यरत कियोस्‍क केवल म.प्र. शासन की वर्तमान सेवाओं तक सीमित हैं और वह भी जबरन बलपूर्वक बाध्‍यकारी सेवाओं तक सीमित हैं, (हमारी सूचनाओं के मुताबिक संभवत:इस संचालन के विरूद्ध जनहित याचिका निकट भविष्‍य में आ रही है)

आप अपने कियोस्‍क सम्‍बन्‍धी पंजीयनों को एकत्र कर स्‍वयं एक याचिका न्‍यायालय में प्रस्‍तुत कर सकते हैं, भ्रष्‍टाचार निवारण की योजना में भ्रष्‍टाचार एक संगीन बात है और अक्षम्‍य है, पहले आप चाहें तो सूचना का अधिकार अधिनियम का उपयोग कर म.प्र. शासन के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग से आपके आवेदनों पर सम्‍पादित कार्यवाही का विवरण व दस्‍तावेज प्राप्‍त कर लें (जो कि किसी भी न्‍यायायिक कार्यवाही में आपको मददगार होंगें) इसके बाद सीधे न्‍यायालयीन कार्यवाही कर सकते हैं, आ चाहें तो सीधे ही पुराने पंजीयनों के आधार पर ही न्‍यायायिक प्रक्रिया प्रारंभ कर सकते हैं, मामला भ्रष्‍टाचार व अनसुनेपन से सम्‍बन्धित है, अत: बेहतर है कि भारत सरकार के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग या भारत के प्रधानमंत्री को ऑन लाइन शिकायत भी भेज दें, इससे समस्‍या का त्‍वरित निवारण संभव होगा ।

कॉमन सर्विस सेण्‍टर या ई सेण्‍टर खोलने हेतु म.प्र. के विधानसभा चुनाव पश्‍चात ही कोई कार्यवाही करें, हमारी सूचनाओं के मुताबिक सर्विस सेण्‍टर एजेन्‍सी के टेण्‍टर और टेण्‍डरों की शर्त पालन में भारी धांधली व व्‍यापक भ्रष्‍टाचार हुआ है (इस योजना में कुछ परिवर्तन भी किये जा रहे हैं) अत: अधिक संभव है, सर्विस सेण्‍टर एजेन्‍सी के टेण्‍डर दोबारा होकर, पात्र एजेन्सियों को ही इसका क्रियान्‍वयन मिले । वैसे अभी स्‍टेट वाइड एरिया नेटवर्क, और स्‍टेट सर्वर तथा जिला स्‍तरीय एससीए सर्वर अभी स्‍थापित नहीं हुये हैं, दूसरी ओर सूचना का अधिकार अधिनियम की धारा 4(1)(अ) का पालन अभी म.प्र. में कहीं नहीं हुआ है, अत: म.प्र. के सरकारी विभाग अभी इस हैसियत में नहीं हैं कि कॉमन सर्विस सेण्‍टर अपना काम शुरू कर सकें, दूसरे यदि राज्‍य सरकार बदलती है तो पूरी प्रक्रिया नये सिरे से प्रारंभ होगी, म.प्र. के लिये इस प्रक्रिया को पुन: अपनाना ही आवश्‍यक होगा । सो अभी प्रतीक्षा ही बेहतर होगी । कॉमन सर्विस सेण्‍टर्स पर हम आलेख श्रंखलाबद्ध प्रकाशित कर रहे हैं, आप इसे पढ़ते रहें ।

 

प्रश्‍न : आपकी वेबसाइट पर आलेख प्रकाशित हुआ था, "राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के लिए वेब-आधारित नया साफ्टवेयर" कृपया बतायें ये सब कब से होगा – मोनालिसा तिवारी, पता नहीं लिखा गया है

प्रश्‍न : आपकी वेबसाइट पर आलेख प्रकाशित हुआ था, "राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के लिए वेब-आधारित नया साफ्टवेयर" कृपया बतायें ये सब कब से होगा मोनालिसा तिवारी, पता नहीं लिखा गया है

 

उत्‍तर : प्रिय मोनालिसा जी, आपने जिस आलेख की चर्चा की है वह भारत सरकार द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति है, और हमें ई मेल से भारत सरकार के प्रेस इन्‍फारमेंशन ब्‍यूरो से प्रकाशनार्थ प्राप्‍त हुयी थी, यह भारत सरकार के ग्रामीण विकास मंत्रालय की अधिकृत प्रेस विज्ञप्ति थी ।

संभवत: उनकी यह सेवा प्रारंभ हो चुकी है, या फिर आने वाले चन्‍द दिनों में प्रारंभ होने जा रही है, आप ग्रामीण विकास मंत्रालय भारत सरकार की वेबसाइट खोल कर देंख लें आपको ताजा सूचनायें मिल जायेंगीं । यदि हमें भविष्‍य में आगे इस समाचार का अपडेट मिला तो हम अवश्‍य प्रकाशित करेंगें ।      

 

प्रश्‍न: मैं मोदी रबर का पिछले पॉंच साल से डीलर हूं, अब यह कम्‍पनी बिना किसी सूचना के बन्‍द हो गयी है, अब मैं अपना जमा धन कैसेट वापस करूं - प्रदीप गुप्‍ता, पता नहीं लिखा गया है

प्रश्‍न: मैं मोदी रबर का पिछले पॉंच साल से डीलर हूं, अब यह कम्‍पनी बिना किसी सूचना के बन्‍द हो गयी है, अब मैं अपना जमा धन कैसेट वापस करूं - प्रदीप गुप्‍ता, पता नहीं लिखा गया है

 

i am a dealer of modi rubber compny from 5 years. now company has closed without notice in 2001. now i want to information of which type  we can take our deposit .and when will claim( in the year) .

                                        kindly give suggesation of this.

                                                                                            thanks.

           

उत्‍तर: आने अपनी शिकायत में विस्‍तृत हवाला नहीं दिया है, यदि कम्‍पनी कम्‍पनी अधिनियम के तहत पंजीकृत है, तो कम्‍पनी अधिनियम 1956 के प्रावधानों के तहत कार्यवाही प्रारंभ कर सकते हैं । यदि आप किसी ऐसे शख्‍स का नाम पता जानते हैं, जो कम्‍पनी के निदेशक मण्‍डल में रहा हो, तो आप उसी व्‍यक्ति से कार्यवाही प्रारंभ करें, आप धन वसूली एवं क्षतिपूर्ति वाद न्‍यायालय में प्रारंभ कर सकते हैं । यदि प्रकरण की परिस्थितियां धोखाधड़ी से सम्‍बन्धित हैं तो आप आपराधिक प्रकरण दर्ज करा सकते हैं, फिर यह पुलिस का काम है कि वह कम्‍पनी रजिस्‍ट्रार से, मुकम्‍मल मालूमात हासिल कर संबंधितों के विरूद्ध कार्यवाही करे । वैसे आप इस मामले को प्रधानमंत्री कार्यालय को ऑनलाइन एवं कम्‍पनी कार्य मंत्रालय को ऑन लाइन शिकायत के रूप में दर्ज करा कर भी कार्यवाही प्रारंभ करवा सकते हैं । प्रकरण विस्‍तृत रूप में मय दस्‍तावेज भेजें तो आपको अधिक व पुष्‍ट मार्ग दर्शन दिया जा सकेगा ।

 

प्रश्‍न: मैंने बी.एड. प्रवेश हेतु ऑंन लाइन पंजीयन एक कियोस्‍क सेण्‍टर के माध्‍यम से कराया था, मैं कैसे पता लगाऊं कि मेरा पंजीयन असली है या नकली और मेरी फीस जमा हुयी कि नहीं । पूनम तिवारी, खेरापति कालोनी, लश्‍कर, ग्‍वालियर म.प्र.

प्रश्‍न: मैंने बी.एड. प्रवेश हेतु ऑंन लाइन पंजीयन एक कियोस्‍क सेण्‍टर के माध्‍यम से कराया था, मैं कैसे पता लगाऊं कि मेरा पंजीयन असली है या नकली और मेरी फीस जमा हुयी कि नहीं । उसने मुझसे 5800 रू. वसूले थे, क्‍या मैं उपभोक्‍ता फोरम में इसकी ऑन लाइन शिकायत कर सकतीं हूं ।  पूनम तिवारी, खेरापति कालोनी, लश्‍कर, ग्‍वालियर म.प्र.

उत्‍तर : प्रिय पूनम जी, कियोस्‍क सेण्‍टर पर केवल 5100 रूपये का ही भुगतान करना था, आपसे 5800 रूपये लिये गये हैं यह अनुचित व अवैध है, आपने उल्‍लेख नहीं किया है कि आपको रसीद कितने रूपयों की दी गयी है, यदि रसीद केवल 5100 रूपये की है तो आप या तो 700 रूपये वापस मांगें या 700 रूपये की रसीद भी आवश्‍यक रूप से प्राप्‍त करें । इस सम्‍बन्‍ध में आप अपनी शिकायत म.प्र. शासन के सूचना प्रौद्योगिकी विभाग एवं एम.पी.ऑन लाइन डॉट जीओवी डॉट इन पर उपलब्‍ध ई मेल पतों और फोन व फैक्‍स नंबरों पर दर्ज करायें । आपकी शिकायत यदि मुकम्‍मल तौर पर सुनी नहीं जाती तो आप सीधे मुख्‍यमंत्री को आनलाइन शिकायत दर्ज करा दें । आप उपभोक्‍ता फोरम या कोर सेण्‍टर में भी अपनी शिकायत दर्ज करा सकतीं हैं । उपभोक्‍ता फोरम में अभी ऑन लाइन शिकायत सुविधा नहीं है, लेकिन आप कोर सेण्‍टर में ऑन लाइन शिकायत दर्ज कर सकतीं हैं । इसके लिये आप हमारी ई सेवाओं का उपयोग कर सकतीं हैं ।

जहॉं तक आपके पंजीयन के असली होने या शुल्‍क भुगतान की जानकारी का प्रश्‍न है, सम्‍बन्धित वेबसाइट अभी अपरिपक्‍व व शैशव अवस्‍था में है, आप पृथक से इस पर लॉगआन करके बी.एड सम्‍बन्‍धी पृष्‍ठ व फोल्‍डर में पहुँच कर ''व्‍यू  माई एप्‍लीकेशन स्‍टेटस''  पर क्‍िलिक करें सारी वस्‍तुस्थिति सामने आ जायेगी । यहॉं आपसे आपका पंजीयन क्रमांक व जन्‍म दिनांक पूछी जायेगी जिसे आप भर दें ।

 

रविवार, 6 जुलाई 2008

प्रश्‍न: क्‍या चम्‍बल के डकैत अब भी घोड़ों पर भागते हैं, जैसा हम फिल्‍मों में देखते हैं – मनु देसाई, अहमदाबाद गुजरात

प्रश्‍न: क्‍या चम्‍बल के डकैत अब भी घोड़ों पर भागते हैं, जैसा हम फिल्‍मों में देखते हैं मनु देसाई, अहमदाबाद गुजरात

उत्‍तर- मनु जी, नहीं आजकल चम्‍बल में न घोड़े बचे हैं, और न डकैत घोड़ों पर दौड़ते हैं, किसी जमाने में आज से तीस चालीस साल पहले जरूर यहॉं डकैत घोड़ों पर दौड़ते थे, तब यहॉं बहुत घोड़े थे और हर जगह हर गॉंव में घुड़साल हुआ करती थी, आवागमन के तब अन्‍य कोई साधन नहीं थे केवल घोड़े ही लोगों की यात्रा के साधन थे । अब तो मोटर साइकिले, चार पहिया वाहनों और अन्‍य द्रुत गति वाहनों का चम्‍बल में हर गॉंव शहर में उपयोग किया जाता है, आजकल के डकैत तो लम्‍पट और छिछोरे मात्र हैं जो महज अपहरण, चोरी चपाटी जैसे कार्य धन कमाने हेतु कर रहे हैं, जो कि अधिकांशत: शहरों में ही रहते हैं और बाहर के शहरों में ही अधिकांश फरारी जीवन काटते हैं, और बाकायदा अपने बीवी बच्‍चों के साथ रहते हैं तथा आपराधिक वारदातों का अंजाम अन्‍यत्र देते हैं, चम्‍बल के बीहड़ों में तो अब यदा कदा ही कभी कभार कोई डकैत दिखाई देता है । वह भी पैदल या आधुनिक वाहनों पर सवार, अधिकतर डकैत राजनेताओं या पुलिस के संरक्षण में रहते हैं और बाकायदा नेताओं, मंत्रियों व पुलिस अधिकारीयों को डकैतों से हफ्ता या वसूली कमीशन बंधा रहता है । आप हमारा आलेख मुरैना डायरी चम्‍बल की कानून व्‍यवस्‍था पढ़ते रहें, आपको सारा सिस्‍टम समझ आ जायेगा, यह श्रंखलाबद्ध आलेख है, इसकी अगली किश्‍त शीघ्र ही आपको पढ़ने को मिलेगी, आपने इसके प्रकाशन के विलम्‍ब का कारण पूछा है, हम आपको बताना चाहते हैं, कि इसका प्रकाशन स्‍थगित नहीं किया गया है और न रोका गया है, दरअसल बीच बीच में हम पर बहुत अधिक कार्यभार बढ़ जाता है और अचानक इमर्जेन्‍सी कवरेज और तत्‍काल प्रकाशन योग्‍य सामग्री बहुत अधिक आ जाती है, हमारे संसाधन सीमित हैं अत: कई बार चाहते हुये भी स्थितियां हमारे नियंत्रण में नहीं रहतीं और कई सामायिक प्रकाशन रोक कर इमर्जेन्‍सी व तात्‍कालिक प्रकाशन जारी करने पड़ते हैं, दूसरे यहॉं बिजली कटौती दिन रात कभी भी होती रहती है और कई प्रकाशन बिजली कटौती के चलते विलम्‍बग्रस्‍त हो जाते हैं । आपके अन्‍य सवालों के उत्‍तर हम अपने आलेख में देंगें (वैसे आप उसे पढ़ते रहें उसमें पहले से लगभग सारे उत्‍तर समाहित कर लिये गये हैं) आश्‍चर्य जनक तथ्‍य यह है कि इस आलेख के सम्‍बन्‍ध में सबसे अधिक आतुरता तो हमारी स्‍थानीय चम्‍बल में हैं, बहुत से लोग इसकी अगली किश्‍तों के लिये हमारे कार्यालय में ही आ धमकते हैं और अगली किश्‍त की प्रतियां मांगते हैं, हम खुद भी परेशान हो जाते हैं, आप निश्चिन्‍त रहें यह आलेख नियमित रहेगा ।              

शुक्रवार, 27 जून 2008

प्रश्‍न : आपकी नजर में म.प्र. में अबकी बार किसकी सरकार बनने जा रही है – विजय गुप्‍ता, माताप्रसाद गुप्‍ता, सिन्‍धी कालोनी मुरैना

प्रश्‍न : आपकी नजर में म.प्र. में अबकी बार किसकी सरकार बनने जा रही है विजय गुप्‍ता, माताप्रसाद गुप्‍ता, सिन्‍धी कालोनी मुरैना

उत्‍तर भाई विजय और माताप्रसाद जी, हालात रोज बदल रहे हैं, आधे पत्‍ते उधर झुकते हैं तो एक घण्‍टे बाद दूसरी ओर झुक जाते हैं अभी तो ऊहापोह ही मानिये । वैसे अगर आप हमारी परिसीमन के ऊपर चल रहा धारावाहिक आलेख अगर लगातार पढ़ रहे होंगें, तो परिदृश्‍य कुछ समझ आ रहा होगा । फिलहाल अगली कड़ी का इंतजार करिये कुछ कुछ माजरा साफ हो जायेगा । आज किसी का मुख्‍यमंत्री लोकप्रिय हो जाता है तो नीचे से उसकी सवारी खिसक रही है, दूसरी पार्टी का मुख्‍यमंत्री अभी साफ नहीं है इसलिये परिदृश्‍य खुल कर साफ नहीं हो पा रहा । वैसे अबकी बार चुनाव पूरा टिकिट वितरण पर आधारित होगा । आगे आप भी इंतजार कीजिये हम भी इंतजार कर रहे हैं कि कौनसा दल किसे अपना उम्‍मीदवार कहॉं कहॉं बनाता है । आपने मुरैना सीट के बारे में जो पत्र में लिखा है, हमारी नजर में सभी दल अगर टिकिट यानि अपने प्रत्‍याशी रिपीट करते हैं तो रिजल्‍ट भी रिपीट हो सकता है । आपके अन्‍य सवालों का जवाब हम अपने अगले लेख में अवश्‍य देंगें ।   

शनिवार, 14 जून 2008

प्रश्‍न: क्‍या ज्‍योतिष सही होता है, यदि हॉं तो अधिकतर भविष्‍यवाणीयां गलत क्‍यों हो जाती हैं – विभा अग्रवाल, बीकानेर, राजस्‍थान

प्रश्‍न: क्‍या ज्‍योतिष सही होता है, यदि हॉं तो अधिकतर भविष्‍यवाणीयां गलत क्‍यों हो जाती हैं विभा अग्रवाल, बीकानेर, राजस्‍थान

उत्‍तर: विभा जी, भारतीय ज्‍योतिष परम्‍परा के मुताबिक भारतीय ज्‍योतिष विशुद्ध गणित पर आधारित होता है, और इसका गणित जितना सटीक होता है, फलित उतना ही सही और पुष्‍ट होता है । अधिकांश ज्‍योतिषी इसके गणित व विज्ञान की सटीक व सही गणना नहीं कर पाते अत: इसका फलित गलत हो जाता है और व्‍यर्थ ही भारत की यह अमूल्‍य व महत्‍वपूर्ण विद्या बदनाम होती है । इसे जब कोई गणित व विज्ञान से सम्‍बन्धित विद्वान उपयोग करता है तो फलित अधिक सटीक व सही आता है । अब तक तो भारतीय ज्‍योतिष में काफी काम हो चुका है और मनुष्‍य के पिछले जन्‍म तक का हाल जन्‍मकुण्‍डली बयां करने लगी है । किन्‍तु इसमें सही व सटीक फलित के लिये काफी साधना और ईश्‍वरीय कृपा के साथ अतीन्द्रिय ज्ञान व गणित एवं विज्ञान की विशेषज्ञाता आवश्‍यक है । अन्‍यथा फलित सही नहीं होगा । अख्‍ाबारों आदि में नित्‍य छपने वाले भविष्‍यफल पूर्णत: बेमानी हैं क्‍योंकि हर राशि/ व्‍यक्ति का भविष्‍यफल उसकी खुद की जन्‍मकुण्‍डली के अनुसार निधार्रित होता है ।

 

गुरुवार, 5 जून 2008

प्रश्‍न- क्‍या सूचना के अधिकार में जानकारी प्राप्‍त करने हेतु आवेदन इण्‍टरनेट से भेजा जा सकता है, हॉं तो कैसे, क्‍या इसका कोई निश्चित प्रारूप होता है जिस पर आवेदन किया जा सके – राधाकिशन सारस्‍वत, कब्रिस्‍तान रोड, गणेश पुरा मुरैना म.प्र.

प्रश्‍न- क्‍या सूचना के अधिकार में जानकारी प्राप्‍त करने हेतु आवेदन इण्‍टरनेट से भेजा जा सकता है, हॉं तो कैसे, क्‍या इसका कोई निश्चित प्रारूप होता है जिस पर आवेदन किया जा सके राधाकिशन सारस्‍वत, कब्रिस्‍तान रोड, गणेश पुरा मुरैना म.प्र.

उत्‍तर भाई राधाकिशन जी, भारत के सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 के प्रावधानों के अनुसार अधिनियम की धारा 6 के अनुसार अपना सूचना चाहे जाने हेतु आवेदन प्रस्‍तुत कर सकते हैं । इसका कोई प्रारूप नहीं है, और कोई प्रारूप पर आवेदन आपसे मांगता है इसका अर्थ है कि वह सूचना प्रदान करने में कोई रूकावट पैदा करता है या आनाकानी करता है । इस अधिनियम के अनुसार आप बगैर लिखा आवेदन केवल मौखिक रूप से प्रस्‍तु कर सकते हैं । आवेदन को उचित रीति में लिखना व प्रोसेस करना लोक सूचना अधिकारी व सहायक लोक सूचना अधिकारी की जिम्‍मेवारी है आवेदक की नहीं । आप किसी भी तरीके से सूचना मांग सकते हैं, जिसमें इलेक्‍ट्रानिक रीति भी शामिल है , अर्थात टेलीफोन से, ई मेल से, फैक्‍स से, एस.एम.एस. के जरिये, पंजीकृत डाक से या अन्‍य किसी भी माध्‍यम से अपना आवेदन सम्‍बन्धित लोक सूचना अधिकारी को प्रस्‍तुत कर सकते हैं । यदि आपके आवेदन पर कोई कार्यवाही नहीं की जाती या आपके आवेदन को ग्रहण नहीं किया जाता या आपको सुनाओ नहीं जाता तो आप अधिनियम की धारा 18 के तहत अपनी शिकायत राज्‍य या केन्‍द्रीय सूचना आयोग को भेज सकते हैं ।             

 

प्रश्‍न- मुरैना और भिण्‍ड के कलेक्‍टरों को ऑनलाइन शिकायत की जा सकती है क्‍या यदि हॉं तो तरीका बतायें – अनिल अग्रवाल, लहार भिण्‍ड म.प्र.

प्रश्‍न- मुरैना और भिण्‍ड के कलेक्‍टरों को ऑनलाइन शिकायत की जा सकती है क्‍या यदि हॉं तो तरीका बतायें अनिल अग्रवाल, लहार भिण्‍ड म.प्र.

Dear Sir ,

                  Can we complaint to Morena/ Bhind Collector Online, Give me procedure – Aaapka Anil Agrawal, Lahar, Bhind.

 

उत्‍तर- प्रिय अनिल भाई, अभी मुरैना और भिण्‍ड के कलेक्‍टरों ने अपनी ई गवर्नेन्‍स सम्‍बन्‍धी या ऑन लाइन समाधान की वेबसाइटें शुरू नहीं की हैं, म.प्र. के केवल कुछ जिलों के कलेक्‍टरों ने ही केवल अभी यह सुविधा प्रदान की है । इण्‍टरनेट की दुनियां में अभी भिण्‍ड मुरैना (सारी चम्‍बल) का जिला प्रशासन बेहद पिछड़ा और चेतनाहीन है । आप सजग व सतर्क प्रशासन के आने तक यह इंतजार करें । वैसे आप ई मेल से अवश्‍य अपनी शिकायत दोनों जिलों के कलेक्‍टरों को भेज सकते हैं । अथवा आप हमारी ई सेवायें इस सम्‍बन्‍ध में प्रयोग करके इन दोनों जिलों के कलेक्‍टरों को अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं । अन्‍य तरीका यह है कि आप म.प्र. शासन के जन शिकायत निवारण विभाग की वेबसाइट का उपयोग करके अथवा हमारी ई सेवा का उपयोग करके म.प्र. के मुख्‍यमंत्री जी को अपनी शिकायत दर्ज करा दें, आपकी शिकायत अपने आप सही जगह पहुँच जायेगी ।

 

मंगलवार, 3 जून 2008

प्रश्‍न- क्‍या मैं अपने फोटो आपकी वेबसाइट पर प्रकाशित करवा सकती हूँ – नीलिमा माखीजानी, गांधी नगर ग्‍वालियर म.प्र.

प्रश्‍न- क्‍या मैं अपने फोटो आपकी वेबसाइट पर प्रकाशित करवा सकती हूँ नीलिमा माखीजानी, गांधी नगर ग्‍वालियर म.प्र.  

Respected Sir,

Can I Publish My Photographs at Your Website?

NEELIMA MAKHIJANI, Gandhi Nagar, Gwalior M.P.

उत्‍तर- नीलिमा जी आप बिल्‍कुल अपने फोटो हमारी वेबसाइट पर प्रकाशित करवा सकतीं हैं, शर्त यह है कि आपके पारिवारिक या व्‍यक्तिगत निजी प्रकृति के चित्र न हों । सार्वजनिक एवं लोकहित महत्‍व के चित्र अथवा दुर्लभ ऐतिहासिक, प्राकृतिक या नैसर्गिक सौन्‍दर्य अथवा पौरातात्विक महत्‍व के चित्र हम यहॉं प्रकाशित करते हैं । जनसमस्‍याओं, जनशिकायतों, भ्रष्‍टाचार उजागर करने वाले या लोकहित विरोधी घटनाओं के चित्र भी प्रासंगिक रूप से यहॉं प्रकाशित होते हैं ।         

प्रश्‍न-मैं एयरटेल से बहुत परेशान हूँ, समय समय पर बिल भुगतान करता हूँ, कोई शिकायत नंबर बतायें – नीरज कारखुर, बड़ोखर मुरैना म.प्र.

प्रश्‍न-मैं एयरटेल से बहुत परेशान हूँ, समय समय पर बिल भुगतान करता हूँ, कोई शिकायत नंबर बतायें नीरज कारखुर, बड़ोखर मुरैना म.प्र.

Sir, me airtel se bahut paresaan hoo aur samay samay per rupees bhi bharta hoo koi complaint namber ho to batyai  NEERAJ  KARKHUR, BAHOKHAR MORENA

उत्‍तर- नीरज भाई, अव्‍वल तो आप यह जान लीजिये कि मुरैना में एयरटेल का कोई कार्यालय स्‍वयं का नहीं है । मुरैना में एयरटेल का एक फ्रेंचाइजी है जो कि एक निश्चित अनुबन्‍ध के तहत एयरटेल कम्‍पनी के ब्राण्‍डनाम का उपयोग कर्ता मात्र है । आपको यदि सम्‍बन्धित फ्रेंन्‍चाइजी द्वारा कम्‍पनी की सेवायें संतोषजनक रूप से नहीं दी जा रहीं है तो यह सेवा में कमी या त्रुटि का मामला है और आप इसे उपभोक्‍ता मामलों में कानूनी तौर पर उपभोक्‍ता फोरम मुरैना में मामला दायर कर क्षतिपूर्ति प्राप्‍त कर सकते हैं, एक अच्‍छे अभिभाषक की सेवायें लें अथवा स्‍वयं ही बिना किसी अभिभाषक के एक सादा कागज पर आवेदन लिख कर जिले के उपभोक्‍ता फोरम में लगा दें । दूसरी विधि यह है कि भारत सरकार के उपभोक्‍ता मंत्रालय की वेबसाइट पर ई मेल द्वारा अपनी शिकायत भेज सकते हैं, तीसरा तरीका यह है कि आप कोर सेण्‍टर में ऑनलाइन अपनी शिकायत पंजीकृत करवा सकते हैं, यहॉं आप को एक शिकायत क्रमांक प्राप्‍त होगा और आपकी शिकायत दूर करने के आदेश सम्‍बन्‍धित सेवा कम्‍पनी एयर टेल एवं आपके एयरटेल  फ्रेंन्‍चाइजी को 14 दिवस के भीतर समस्‍या निराकरण कर आपसे लिखवा कर मंगवाया जायेगा, कोर सेण्‍टर द्वारा तीन नोटिस जारी किये जाते हैं, उसके बाद सरकारी तौर पर ऐसी कम्‍पनीयों को ब्‍लैक लिस्‍टेड कर दिया जाता है । चौथा तरीका यह है कि आप हमारी ई सेवाओं का इस्‍तेमाल कर भारत सरकार तथा अन्‍य जगहों पर सीधे ही शिकायत कर सकते हैं । पॉंचवां तरीका यह है कि भारत सरकार के संचार मंत्रालय के लोक शिकायत ई मेल पते पर अपनी शिकायत भेज सकते हैं, छठवां तरीका यह है कि आप एयरटेल की वेबसाइट पर जाकर दिये गये ई मेल पतों और फोन नंबरो पर अपनी शिकायत भेज सकते हैं । सातवां तरीका यह है आप सीधे भारत सरकार को (सभी तरीके यदि नाकामयाब हो जायें तो) लोकशिकायत में प्रधानमंत्री कार्यालय को ऑनलाइन शिकायत दर्ज करा सकते हैं ।

वैसे आपकी शिकायत की प्रकृति के अनुसार आप एयरटेल कम्‍पनी की वेबसाइट पर से ई मेल पते व फोन नंबर लेकर शिकायत दर्ज करा दें, आपकी शिकायत संभवत: हल हो जायेगी । अन्‍यथा उपभोक्‍ता मामलों में मामला दर्ज करा दें, क्रम से एक के बाद एक कार्यवाही करना चाहिये सभी कार्यवाही एक साथ नहीं करना चाहिये ।      

सोमवार, 2 जून 2008

प्रश्‍न: क्‍या मैं इण्‍टरनेट के जरिये म.प्र. के मुख्‍यमंत्री जी को ऑनलाइन शिकायत कर सकता हूँ, यदि हॉं तो कैसे – प्रभात शर्मा, गणेश पुरा मुरैना म.प्र.

 

प्रश्‍न: क्‍या मैं इण्‍टरनेट के जरिये म.प्र. के मुख्‍यमंत्री जी को ऑनलाइन शिकायत कर सकता हूँ, यदि हॉं तो कैसे प्रभात शर्मा, गणेश पुरा मुरैना म.प्र.  

महोदय,

       क्‍या में मुख्‍यमंत्री जी से ऑनलाईन शिकायत कर सकता हूं तो आप बतायें और ई-मेल भी बतायें । प्रभात शर्मा, गणेशपुरा मुरैना

 

उत्‍तर जी हॉं प्रभात जी, आप इण्‍टरनेट के जरिये म.प्र. के मुख्‍यमंत्री को ऑनलाइन शिकायत कर सकते है, इसमें आवश्‍यक रूप से कार्यवाही भी होती है और एक माह के भीतर समस्‍या का निराकरण या समाधान भी हो जाता है, इस सम्‍बन्‍ध में यह सेवा पूर्णत: निशुल्‍क है, आपको शिकायत का एक क्रमांक प्राप्‍त होता है जो कि तुरन्‍त ही शिकायत करते वक्‍त मिल जाता है, इस क्रमांक से अथवा आप अपने नाम से आपकी शिकायत पर हुयी कार्यवाही का ब्‍यौरा किसी भी समय घर बैठे ही जान सकते हैं । मेरी नजर एवं मेरे अनुभव में म.प्र. की यह सर्वश्रेष्‍ठ जनसेवा प्रणाली है जो तकनीकी रूप से और सामाजिक रूप से श्रेष्‍ठतम है । इस सेवा का उपयोग करने के लिये आप हमारी ई सेवाओं का उपयोग कर सकते हैं जो कि पूरी तरह वर्तमान में निशुल्‍क हैं । वैसे आप सीधे ही इस सेवा का उपयोग म.प्र. शासन के जनशिकायत निवारण विभाग की वेबसाइट से प्रयोग कर सकते हैं । ई मेल पता मुख्‍यमंत्री जी का सार्वजनिक रूप से उपयोग हेतु उपलब्‍ध नहीं है ।   

 

गुरुवार, 22 मई 2008

प्रश्‍न : क्‍या मैं प्रधानमंत्री जी को इण्‍टरनेट से शिकायत भेज सकती हूँ – रमा बांदिल, सदर बाजार मुरैना

प्रश्‍न : क्‍या मैं प्रधानमंत्री जी को इण्‍टरनेट से शिकायत भेज सकती हूँ रमा बांदिल, सदर बाजार मुरैना

उत्‍तर : जी हॉं बिल्‍कुल आप प्रधानमंत्री जी को ऑनलाइन शिकायत कर सकतीं हैं आपको शिकायत का क्रमांक और उस पर की गयी कार्यवाही की जानकारी भी नियमित रूप से मिलती है । इसके लिये आप हमारी ई सेवाओं का प्रयोग कर सकतीं हैं, वर्तमान में यह सेवायें पूर्णत: निशुल्‍क हैं ।

प्रश्‍न : क्‍या इण्‍टरनेट के जरिये खरीददारी करना सुरक्षित है – अविनाश शर्मा, ललितपुर कालोनी, लश्‍कर, ग्‍वालियर म.प्र.

प्रश्‍न : क्‍या इण्‍टरनेट के जरिये खरीददारी करना सुरक्षित है अविनाश शर्मा, ललितपुर कालोनी, लश्‍कर, ग्‍वालियर म.प्र.

उत्‍तर : इण्‍टरनेट के जरिये खरीददारी अभी सिर्फ एक हद तक ही सुरक्षित है, इसमें अधिकांशत: क्रेडिटकार्ड या डेबिटकार्ड के जरिये भुगतान मांगा जाता है । भारतवासी इन कार्डो की प्रणाली से अभी अधिक सुपरिचित यानि फेमिलियर नहीं है । लेकिन इसका अर्थ यह नहीं है कि इण्‍टरनेट की खरीददारी इससे असुरक्षित है । केवल कुछ सवाधानीयां बरतीं जायें तो इसमें कोई खतरा नहीं है । आप जिस वेबसाइट को खोल कर उसके जरिये खरीददारी करते हैं, वह स्‍थानीय हो या सुपरिचित व सुप्रतिष्ठित हो, फर्जी वेबसाइट अक्‍सर ई मेल स्‍पामिंग या फिशिंग ई मेलों के जरिये अड़ी चालाकी से सुझाई जातीं हैं और किसी न किसी प्रकार का आकर्षक लोभ लालच देकर उसे खलवाने का प्रयास किया जाता है फिर उस पर कुछ भुगतान करने या अपना यूजर नेम पासवर्ड भरने की अपेक्षा की जाती है, इस प्रकार आपका आडेण्‍टीफिकेशन या यूजर नेम पासवर्ड और क्रेडिट कार्ड से सॅम्‍बन्धित जानकारी इन जाली वेबसाइटों के जरिये चुरा ली जाती है और फिर आपके साथ ठगी व जालसाजी के जरिये आपको चूना लगाया जाता है । बेहतर है कि आप वेबसाइट को ई मेल में क्लिक करके या एड्रेस कापी कर के न खोलें, इसी प्रकार सर्च एन्जिन के जरिये साइट खोल कर खरीददारी न करें इसमें असल वेबसाइट के मिलते जुलते नाम या वेब पते जैसी फर्जी वेबसाइट खुलने के अवसर अधिक होते हैं । भविष्‍य में कभी हम बतायेंगे कि असल वेबसाइट और फर्जी वेबसाइटें कैसे पहचानी जा सकतीं हैं । बेहतर है कि आप अभी स्‍थानीय वेबसाइटों और स्‍थानीय सुपरिचित शापिंग माल या ई सेवाओं का ही प्रयोग करें, और बैंकड्राफ्ट या मनी आर्डर भुगतान करें । वर्ष 2009 तक आपके आसपास सैकड़ों की संख्‍या में ई शापिंग सेण्‍टर्स नजर आयेंगे ।

 

क्‍या होता है एफ.एम., ये एफ.एम. क्‍या बला है – राकेश सिंह धाकरे, सुभाष नगर, हजीरा ग्‍वालियर

प्रश्‍न : क्‍या होता है एफ.एम., ये एफ.एम. क्‍या बला है राकेश सिंह धाकरे, सुभाष नगर, हजीरा ग्‍वालियर

उत्‍तर: रेडियो तंरंगों को अभी तक दो पारम्‍परिक तरीकों से सूदूर सम्‍प्रेषित किया जाता है, पिछले कुछ साल तक सर्वाधिक लोकप्रिय तरीका था ए.एम. अर्थात एम्‍प्‍लीट्यूड मॉडयूलेशन के जरिये, इसमें तरंगों के आयाम का मॉडयूलेशन किया जाता है जिसे ए.एम. या एम्‍पलीटयूड मॉडयूलेशन कहते हैं । इस विधि से पारम्‍परिक रेडियो प्रसारण भारत में होता है, दूरदर्शन के देश भर में फैलने से पहले भारत में रेडियो ही एक ऐसा मीडिया था जो गॉंवो और जंगलों तक पहुँचता था इसमें यही एम्‍पलीटयूड मॉडयूलेशन इस्‍तेमाल किया जाता था/ है । इसकी विशेषता यह है कि इस प्रकार के मॉडयूलेशन में तरंगों का प्रसारण काफी दूर तक किया जा सकता है, जैसे बी.बी.सी. या रेडियो सीलोन, या विविधि भारती आदि करते थे, रेडियो पर बिनाका गीत माला जिसका कि प्रसारण काफी दूर से होने के बावजूद समूचे देश के गॉंवों जंगलों में सुना जाता था । इस विधि में कमी यह है कि इसमें नॉइज अर्थात शोरगुल एवं सिग्‍नल्‍स फ्लक्‍चुएशन्‍स अधिक रहते हैं और कभी कभी साफ सुनायी नहीं देता ।

रेडियो तरंगों के प्रसारण की दूसरी विधि भी हालांकि काफी पुरानी है परन्‍तु पिछले कुछ वर्षों से इसका अधिक प्रयोग किया जा रहा है, इसे एफ.एम. या फ्रिक्‍वेन्‍सी मॉडयूलेशन कहते हैं, इसमें तरंगों की आवृत्ति का माडयूलेशन किया जाता है और फिर इसे सम्‍प्रेषित करते हैं इस प्रक्रिया में नॉइज और सिग्‍नल्‍स फ्लक्‍चुएशन्‍स नहीं होते और मॉडयूलेशन के वक्‍त की गुणवत्‍ता रिसीवर को डिमॉडयूलेशन के बाद यथावत प्राप्‍त होती है । और रिसीवर सेट पर न तो शोरगुल आता है न सिग्‍नल्‍स फ्लक्‍चुएशन्‍स । इसका उपयोग वर्तमान में टी.वी. प्रसारण, एफ.एम.रेडियो, वायरलेस सेटों आदि में किया जाता है । इस विधि के सम्‍प्रेषण में कमी यह है कि इसे अधिक दूर तक सम्‍प्रेषित नहीं किया जा सकता अत: इसमें जगह जगह पुन:सम्‍प्रेषण केन्‍द्र यानि रिले सेण्‍टर्स या डिश रिसीवर्स लगा कर पुन: सम्‍प्रेषण करना पड़ता है । अत: यह विधि खर्चीली और मंहगी पड़ती है । यही एफ.एम. या फ्रिक्‍वेन्‍सी मॉडयूलेशन है ।

मंगलवार, 20 मई 2008

चम्‍बल की मशहूर और अच्‍छी चीजें कौनसी हैं – अमरजीत सिंह, लुधियाना पंजाब, वर्तमान में कनाडा

प्रश्‍न- चम्‍बल की मशहूर और अच्‍छी चीजें कौनसी हैं अमरजीत सिंह, लुधियाना पंजाब, वर्तमान में कनाडा

उत्‍तर- बड़ा मुश्किल सवाल है अमरजीत भाई, वैसे तो यहॉं का सब कुछ मशहूर है, लेकिन अगर टॉप टेन जानना चाहते हैं तो भारतीय सेना में यहॉं के फौजी, शहीद रामप्रसाद विस्मिल, तिली की गजक, देशी घी, सरसों और सरसों का तेल, चम्‍बल का बदला, चम्‍बल की गद्दारी, खुद चम्‍बल घाटी, चम्‍बल के डकैत और अपहरण, और दसवें नंबर पर हमें गिन लीजिये । अच्‍छी चीजें वैसे तो स्‍वाभिमान, देशभक्ति और न्‍यायप्रियता हैं, लेकिन चम्‍बल में मुझे जो सबसे अच्‍छा लगता है वह है यहॉं के गॉंव और खेत, यहॉं के भेले भाले और सीधे सच्‍चे लोग, मुझे फख्र है यह मेरी मातृभूमि और अब मेरी कर्मभूमि है ।    

   

रविवार, 18 मई 2008

चम्‍बल संभाग में कितने जिले हैं, म.प्र. की स्‍थापना कब हुयी – प्रेमराज सिंह, इटावा उ.प्र.

प्रश्‍न - चम्‍बल संभाग में कितने जिले हैं, म.प्र. की स्‍थापना कब हुयी प्रेमराज सिंह, इटावा उ.प्र.

उत्‍तर- चम्‍बल संभाग में तीन जिले हैं, मुरैना, श्‍योपुर एवं भिण्‍ड । म.प्र. की स्‍थापना 1 नवम्‍बर 1956 को हुयी, वर्ष सन् 2000 में इसका पुनर्गठन हुआ तथा छत्‍तीसगढ़ एक पृथक राज्‍य के रूप में इससे अलग हो गया ।  

 

शुक्रवार, 16 मई 2008

आपकी वेब साइट पर भिण्‍ड के समाचार क्‍यों नहीं प्रकाशित किये जाते – कंचन जैन, नई आबादी भिण्‍ड

आपकी वेब साइट पर भिण्‍ड के समाचार क्‍यों नहीं प्रकाशित किये जाते कंचन जैन, नई आबादी भिण्‍ड

उत्‍तर- कंचन जी, आपका कहना सही है, लेकिन हमारे द्वारा लगभग 50-55 बार अनुरोध किये जाने के बावजूद जिला जनसम्‍पर्क कार्यालय भिण्‍ड द्वारा हमें समाचारों के ई मेल नहीं भेजे जाते तथा हमारे संसाधन सीमित हैं, हमारा निजी संवाददाता वहॉं पर पदस्‍थ नहीं हैं । हमें भिण्‍ड, दतिया, श्‍योपुर सम्‍बन्‍धी समाचार किसी भी स्‍त्रोत से प्राप्‍त होगें तो हम अवश्‍य ही सहर्ष प्रकाशित करेंगे । अन्‍य स्‍त्रोत में हम उन्‍हीं समाचारों का प्रकाशन करते हैं जिनकी प्रमाणिकता, सत्‍यता व विश्‍वसनीयता हम पहले जॉंच कर सयंदेह से परे परख लेते हैं ।  

मंगलवार, 15 अप्रैल 2008

अंग्रेजी कैलेण्‍डर और हिन्‍दू कैलेण्‍डर में क्‍या फर्क है

अंग्रेजी कैलेण्‍डर और हिन्‍दू कैलेण्‍डर में क्‍या फर्क है
मोनू, महावीर पुरा मुरैना म.प्र.
उत्‍तर - अंग्रेजी कैलेण्‍डर सूर्य की गति और उसके राशियों में भ्रमण के सिद्धान्‍त पर आधारित होता है, जबकि हिन्‍दू कैलेण्‍डर चन्‍द्रमा की गति और उसके राशियों में भ्रमण के सिद्धान्‍त पर आधारित होता है । राशि गणित ज्‍योतिषीय सूत्रों के अनुसार सूर्य को बारह राशियों में भ्रमण पूरा करने में 12 माह लगते हैं अर्थात वह एक माह तक एक राशि में रहता है । चूंकि राशियों की संख्‍या बारह है अत: सूर्य बारह माह में यानि एक साल में अपनी राशि परिक्रमा पूरी करता है । जबकि चन्‍द्रमा एक राशि में सवा दो दिन रहता है और बारह राशियों का भ्रमण लगभग 27 दिनों में पूर्ण करता है, जिसके आधार पर हिन्‍दू वर्ष और माह तय किये जाते हैं ।