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शनिवार, 14 जून 2008

प्रश्‍न: क्‍या ज्‍योतिष सही होता है, यदि हॉं तो अधिकतर भविष्‍यवाणीयां गलत क्‍यों हो जाती हैं – विभा अग्रवाल, बीकानेर, राजस्‍थान

प्रश्‍न: क्‍या ज्‍योतिष सही होता है, यदि हॉं तो अधिकतर भविष्‍यवाणीयां गलत क्‍यों हो जाती हैं विभा अग्रवाल, बीकानेर, राजस्‍थान

उत्‍तर: विभा जी, भारतीय ज्‍योतिष परम्‍परा के मुताबिक भारतीय ज्‍योतिष विशुद्ध गणित पर आधारित होता है, और इसका गणित जितना सटीक होता है, फलित उतना ही सही और पुष्‍ट होता है । अधिकांश ज्‍योतिषी इसके गणित व विज्ञान की सटीक व सही गणना नहीं कर पाते अत: इसका फलित गलत हो जाता है और व्‍यर्थ ही भारत की यह अमूल्‍य व महत्‍वपूर्ण विद्या बदनाम होती है । इसे जब कोई गणित व विज्ञान से सम्‍बन्धित विद्वान उपयोग करता है तो फलित अधिक सटीक व सही आता है । अब तक तो भारतीय ज्‍योतिष में काफी काम हो चुका है और मनुष्‍य के पिछले जन्‍म तक का हाल जन्‍मकुण्‍डली बयां करने लगी है । किन्‍तु इसमें सही व सटीक फलित के लिये काफी साधना और ईश्‍वरीय कृपा के साथ अतीन्द्रिय ज्ञान व गणित एवं विज्ञान की विशेषज्ञाता आवश्‍यक है । अन्‍यथा फलित सही नहीं होगा । अख्‍ाबारों आदि में नित्‍य छपने वाले भविष्‍यफल पूर्णत: बेमानी हैं क्‍योंकि हर राशि/ व्‍यक्ति का भविष्‍यफल उसकी खुद की जन्‍मकुण्‍डली के अनुसार निधार्रित होता है ।

 

1 टिप्पणी:

बेनामी ने कहा…

jyotishya men bahut see baten aisee hoti hain jinka bhavishyavanee ke samay dhyan rkhana prdhta hai .phalit jyotishya ganit ke barmbarita ke sidhanta par aadharit hai yanee ki saman sthitiyon ke hone par har prinam apne ko dohrata hai.parntu phalit kathan ke samay desh kaal sanskritiyon ke antar ko dhyan rakhna ati aavashyak hota hai. ab aaj ke yug men vahan ke roop mein paalkee ee prapti khein to galat hoga iske sthan par aaramdey vahan kaha jayega joek car ,surakhchit bus ya res. koope bhee ho sakta hai. ratan48.sjs@gmail.com{www.48vishvamitra2007.blogspot.com