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शुक्रवार, 7 अगस्त 2009

भारतीय पर्यटन एवं यात्रा प्रबंधन संस्थान - vडॉ. सौरभ दीक्षित

भारतीय पर्यटन एवं यात्रा प्रबंधन संस्थान

v                डॉ. सौरभ दीक्षित

v                 लेखक भारतीय पर्यटन एवं यात्रा प्रबंधन संस्थान में फेकल्टी मेम्बर है

 

       पर्यटन में केरियर बनाने वाले छात्रों का प्रथम प्रयास भारतीय पर्यटन एवं यात्रा प्रबंधन संस्थान में प्रवेश के लिये होता है। यह संस्थान विगत 26 वर्षों से देश में पर्यटन, शिक्षा एवं मानव संसाधन के लिये सेवारत है। यहां स्नातकोत्तर स्तर पर अन्तर्राष्ट्रीय व्यापार(इंटरनेशन बिजनेस), सेवा क्षेत्र (सर्विसेज सेक्टर), पर्यटन एवं यात्रा (टूरिज्म एवं ट्रेवल) और पर्यटन एवं लेजर (टूरिज्म एवं लेजर) विषयों में प्रबंधन की उपाधि दी जाती है । इसके अलावा कई विषयों जैसे कि कम्प्युटराइज्ड आरक्षण प्रणाली, फ्रेंच एवं जर्मन विदेशी भाषायें, पर्यटन प्रबंधन, ईको टूरिज्म, ग्राहक संतुष्टि आदि विषयों पर शॉर्ट टर्म ट्रेनिंग पाठयक्रम आवश्यकतानुसार चलाये जाते हैं ।  संस्थान का प्लेसमेंट रिकार्ड बहुत अच्छा है। विश्व में आर्थिक मंदी के बावजूद इस वर्ष संस्थान के पर्यटन छात्रों का प्लेसमेंट शत-प्रतिशत रहा। नौकरी देने वाली कम्पनियों में थॉमस कुक, एसओपीसी, ओरबिट, सर्दन ट्रेवल्स, लिस्परिंग पॉम आदि कम्पनियां हैं । संस्थान के सभी पाठयक्रम एआईसीटीई द्वारा मान्यता प्राप्त हैं । संस्थान में आने वाले गणमान्य प्रोफेसर्स/ व्यवसायियों में प्रोफेसर एरिक कोहेम(इजरायल), प्रोफेसर क्रिस कूपर , श्री प्रेम सुब्रमण्यम , श्री इंदर शर्मा, प्रोफेसर तपन पंडा, आईआईएम इन्दौर आदि प्रमुख हैं ।

इन्फ्रास्ट्रक्चर - संस्थान 22 एकड़ के हरेभरे सुरम्य वातावरण में फैला हुआ है जो यहां आने वाले छात्रों को अनायास ही अपनी ओर खींच लेता है । खेलकूद में रूचि रखने वाले छात्रों के लिये बिलियर्डस, स्नूकर, बेडमिंटन, क्रिकेट, जिमनेज्यिम, बॉलीबाल, केरम,शतरंज, फुटबाल आदि की सुविधायें हैं । संस्थान का सभागार एयरकंडीशन है एवं इसमें 500 लोग बैठ सकते  हैं । संस्थान में दो संगणक केन्द्र जिनमें करीब 90 कम्प्यूटर्स लगे हुये हैं । ये संगणक केन्द्र पर्यटन एवं प्रबंधन से संबंधित सॉफ्टवेयर द्वारा युक्त हैं । सभी कम्प्यूटर्स में छात्रों, कर्मचारियों के लिये इंटरनेट कनेक्टिविटी उपलब्ध है। संस्थान का पुस्तकालय पर्यटन के क्षेत्र में देश का सबसे बड़ा पर्यटन से संबंधित पुस्तकों का संग्रह केन्द्र है।

आईआईटीटीएम की स्थापना सन् 1983 में संसदीय समिति की अनुशंसा पर भारत सरकार ने की थी । पिछले कई वर्षों से पर्यटन के क्षेत्र में मानव संसाधन की कमी महसूस की जा रही थी । अत: आईआईटीटीएम की स्थापना पर्यटन के क्षेत्र में एक अपेक्स बॉडी की तरह दिल्ली में की गई । सन् 1992 में इसको ग्वालियर स्थानांतरित किया गया । इसके पश्चात सन् 1996 में संस्थान में पर्यटन, यात्रा विषय पर

स्नातकोत्तर डिप्लोमा शुरू किया गया । जो कि भारतवर्ष में काफी प्रचलित हुआ। तत्पश्चात पर्यटन एवं प्रबंधन से संबंधित विषयों में स्नातकोत्तर डिग्री एवं पर्यटन में स्नातक डिग्री शुरू की गई । वर्तमान में संस्थान पीजीडीएम की उपाधि देता है । संस्थान एशिया पेसिफिक क्षेत्र में उन गिने चुने संस्थानों / विश्वविद्यालयों में से एक है जो पर्यटन एवं यात्रा प्रबंधन विषय में स्नातकोत्तर की उपाधि देते हैं ।

संस्थान नियमित पाठयक्रमों के अलावा अपने एवं पर्यटन मंत्रालय के लिये केपीसिटी बिल्ंडिग एवं टूरिज्म (सीबीएसटी), लर्न वाइल यू अर्न (एलडब्ल्यूवायएन), डोनर, विदेशी छात्रों के लिये मार्कोपोलो , गाइड ट्रेनिंग कोर्स संचालित करता है । एक साथ 450 से अधिक गाइडों को एक ही स्थान पर ट्रेनिंग देने के लिये संस्थान का नाम लिम्का बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज है । आने वाले समय में संस्था पीएचडी स्तर के शोध कार्य करायेगा ।

       संस्थान कई राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त संस्थाओं जैसे कि यूएनएसके द्वारा गठित एशिया पेसिफिक एज्यूकेशन एंड ट्रेनिंग इन्स्टीटयूशन इन टूरिज्म (एपीइटीआईटी), एमडिशा, इंडियन एसोसियेशन ऑफ टूर आपरेटर्स , ट्रेवल एजेन्ट्स एसोसियेशन आफ इंडिया , एफएचआरएआई का सदस्य है । संस्थान एशिया पेसिफिक एज्यूकेशन एंड ट्रेनिंग इन्स्टीटयूशन इन टूरिज्म (एपीइटीआईटी), इन्टरनेशनल फोकल पॉइंट है तथा संस्थान के निदेशक प्रोफेसर सितीकंठ मिश्रा इसके वाइस चेयरमेन हैं । संस्थान ऐपिटिक का आधिकारिक न्यूज लेटर भी प्रकाशित करता है जिसका प्रचार-प्रसार 37 देशों में है ।

      भारतीय पर्यटन एवं यात्रा प्रबंधन संस्थान एक मल्टी केम्पस इन्स्टीटयूट है । इसके केन्द्र नई दिल्ली, भुवनेश्वर एवं गोवा में है । ग्वालियर सेंटर हेडक्वार्टर है । गोवा केन्द्र को नेशनल इन्स्टीटयूट आफ वाटर स्पोट्र्स के नाम से जाना जाता है । जोकि वाटर स्पोट्र्स में शर्ट टर्म कोर्सेस चलाता है और कई राज्यों को कन्सलटेंसी देता है ।

आगामी वर्षों में संस्थान का विस्तार प्रस्तावित है । संस्थान भारत सरकार को कॉमनवेल्थ गेम्स में कमरों की आवश्यकता, और एसिसिबल टूरिज्म पर रिसर्च में भी सहायता दे रहा है ।

 

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